एक्रोस द बॉर्डर' और स्काई इज द लिमिट
वर्ष 1979 में श्री आई. के. शर्मा ने राजस्थानी के 20 आधुनिक कवियों की चयनित कविताओं के अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किए थे, जिसे राजस्थानी भाषा साहित्य संगम (अकादमी) बीकानेर ने प्रकाशित किया था। अब अकादमी का नाम बदल कर 'राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर' हो गया है। तब से अब तक इस दिशा में ऐसा कोई संपादन और अनुवाद का कार्य मेरे ध्यान में नहीं आया, यदि ऐसा कोई कार्य हुआ है तो मित्र बताएं....
इस प्रकाशन के चालीस से अधिक वर्षों बाद अब कवयित्री-अनुवादक रजनी छाबड़ा Rajni Chhabra जी ने इस महत्त्वपूर्ण दिशा में दो पुस्तकों के माध्यम से सार्थक हस्तेक्षप किया है। वर्ष 2022 में Gyan Geeta Prakashan से प्रकाशित 'एक्रोस द बॉर्डर' में 51 कवियों और Surya Prakashan Mandir से प्रकाशित 'स्काई इज द लिमिट' में 25 कवयित्रियों को शामिल करते हुए राजस्थानी का परचम विश्व कविता समुदाय के समक्ष प्रस्तुत करने का अद्वितीय कार्य किया है। उनके इस कार्य के आगे मैं नतमस्तक हूं, क्योंकि जब तक राजस्थानी के आधुनिक साहित्य को हिंदी-अंग्रेजी भाषाओं के माध्यम से देश-दुनिया की विभन्न भाषाओं तक नहीं पहुंचा सकेंगे हमारी पहचान घर में सिमटी संकुचित रहेगी। देश-दुनिया की भाषाओं में परस्पर अनुवाद बहुत जरूरी है। रजनी जी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं कि उन्होंने इस काम को प्राथमिकता के साथ पूरा किया। वैसे तो उन्होंने अनेक राजस्थानी कवियों की कृतियों के भी अंग्रेजी अनुवाद पहले किए हैं जिनमें मैं भी शामिल रहा हूं... पर यह राजस्थानी कविता की सामूहिक थाती है। इसे एक व्यापक पटल पर प्रस्तुत करने का यह यादगार काम उनका राजस्थानी और अपनी मातृभूमि के लिए बहुत बड़ा योगदान कहा जाएगा। मेरा सौभाग्य कि ये कृतियां उनके बीकानेर प्रवास के दौरान प्राप्त हुई... कोटि-कोटि आभार।
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