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Showing posts from September, 2020

International Translation Day

 International Translation Day ********************** अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद  दिवस की सभी सुधि पाठकों व् अनुवादकों को हार्दिक बधाई /  मैं विशेष रूप से आभारी हूँ इन अनुवादक मित्रों की जिन्होंने मेरे कुछ काव्य- संग्रहों व् चुनिंदा कविताओं का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया/  डॉ श्यामल कुमार मजूमदार व् सुबीर मजूमदार : अंग्रेज़ी काव्य संग्रह MORTGAGED का बंगाली मेंअनुवाद रवि पुरोहित:    अंग्रेज़ी काव्य संग्रह MORTGAGED का राजस्थानी अनुवाद  डॉ शिव कुमार प्रसाद :  हिंदी काव्य संग्रह 'पिघलते हिमखंड ' का मैथिली अनुवाद 'पघलेत हिमखंड '                                   हिंदी काव्य संग्रह 'होने से न होने तक ' का मैथिली अनुवाद प्रकाशनाधीन तेजिंदर चण्डहोक:         हिंदी काव्य संग्रह 'होने से न होने तक ' का पंजाबी अनुवाद 'होण तो न होण तक '         ...

Urdu Translation of KYA TUM SUN RHEE HO MAA

امی امی امی تم اکثر کہا کرتی تھی ببلی، اتنی خاموش کیوں ہو کچھ تو لبوں کو زحمت دیا کرو دل کے دروازے پر دستک دیا کرو لفظوں کی آ ہٹ سے کھولا کرو ماضی کے نقوش اب لب کشائی کی تاب آئی ہے تو تم ہی نہیں سننے کے لیے خیالات کا کارواں جو میرے ذہن میں چھوڑ گئی وعدہ ہے تم سے ہمیشہ رواں رکھوں گی کائنات میں تمہاری جھلک دیکھ کر نازک الفاظ کی رعنائی یوں ہی بہنے دوں گی کتنے ہی جذبات میری خاموشی سے امی کیا تم سن رہی ہو۔۔۔ رجنی چھابڑا مترجم۔۔۔۔ بنیاد ذہین بیکانیری،

માં , શુ તમો સાંભળી રહ્યા છો ?

માં , શુ તમો સાંભળી રહ્યા છો ? માં ,તમો હમેશા કહ્યા કરતા હતા , બબલી, તું આટલી બઘી ખામોશ કેમ છે ? કાંઈક બોલો , વાત કરો ! મન ના દરવાજા ખોલી નાખો; શબ્દો ની ગુનગુનાટ થી ખોલી નાખો હવે સમજદાર થઈ ગઈ છે . હવે તું સાંભળવા માટે નથી ; વિચારો નું વટોંળ છે ; તુ મને જગત માં છોડી ગઈ ; હુ હવે તમને વાદો કરુ છુ કે ; હવે આવી રીતે જ હુ કાયઁ કરીશ ; આખી જીંદગી માં તમારી તસવીર જોઈ ને સરળ શબ્દો માં તમારી અભિવ્યકિત ને સુંદર નિમઁલ નદી માં વહેવા દઈશ ; મારુ મૌન હવે બોલતૌ થઈ ગયુ છે ; માં ; શું તમો સાંભંળી રહ્યા છો; માં !!!! Translated by ; Subhashchandra M Parikh Ahmedabad mo no.8735954889.  
 ਕੀ ਤੂੰ ਸੁਣ ਰਹੀ ਹੈ ,ਮਾਂ  ****************** ਮਾਂ , ਤੂੰ ਅਕਸਰ ਕਿਹਾ ਕਰਦੀ ਸੀ  ਬਬਲੀ, ਇਨੀਂ ਚੁੱਪ  ਕਿਉਂ ਹੈਂ  ਕੁਝ ਤਾਂ ਬੋਲਿਆ ਕਰ / ਮਨ  ਦੇ ਦਰਵਾਜ਼ੇ 'ਤੇ ਖੜਖੜਾਹਤਟ ਦੇ,  ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੀ ਚੋਟ ਨਾਲ ਖੋਲਿਆ ਕਰ / ਹੁਣ ਬੋਲਣ ਲਗੀ ਹਾਂ, ਤੂੰ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸੁਣਨ ਲਈ  ਵਿਚਾਰਾਂ ਦੀ ਜੀ ਭੀਡ਼  ਤੂੰ ਜੋ ਮੇਰੇ ਅੰਦਰ ਛੱਡ ਗਈ  ਇਹਂ  ਹੀ ਵਧਣ ਦਿਆਂਗੀ / ਸਾਰੀ ਕੁਦਰਤ ਵਿਚ  ਤੇਰੀ ਝਲਕ ਦੇਖ  ਆਸਾਨ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਗਟਾਅ  ਨੂੰ  ਸਾਫ਼ ਨਦੀ ਜਿਹਾ  ਇਂਹ  ਹੀ ਵਹਿਣ ਦਿਆਂਗੀ / ਮੇਰੇ ਮੌਨ ਨੂੰ ਹੁਣ ਬੋਲ  ਮਿਲ ਗਏ ਨੇ ਮਾਂ  ਕੀ ਤੂੰ ਸੁਨ ਰਹੀ ਏਂ ?  ਰਜਨੀ ਛਾਬੜਾ ਦੀ ਹਿੰਦੀ ਕਵਿਤਾ ਦਾ ਪੰਜਾਬੀ ਅਨੁਵਾਦ  ਅਨੁਵਾਦਕ : ਤੇਜਿੰਦਰ ਚੰਡਿਹੋਕ

kya Tum Sun Rhee Ho? Ma with English, Bengali , Rajasthani, Assamese, Maithilee, Punjabi, Sanskrit,Tamil , Gujarati and Urdu Version

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Hi! friends, today, on Birth Anniversary of my  Resp. Mother, Late Shrimati Shakuntala Sardana W/O Late Shri Vishan Dev Sardana, sharing with you my favourite poem, composed by me both in Hindi and English and translated into Bengali by reputed poet Shyamal Kumar Majumder fro m Bangladesh and in Rajasthani by reputed poet Ravi Purohit from Bikaner, into Assamese by Niti Sharma from Guahati, into Maithilee by Dr. Sheo Kumar Prasad from Patna,, into Punjabi by Dr.Tajinder Chandihoke from Ludhiyana, into Sanskrit by Ila Pareek from Bikaner, into Tamil by Poet and translator K. Balaji from Chennai, into Gujarati by Subhashchabdra M. Parikh  from Ahmedabad and into Urdu by Buniyad Zaheen from Bikaner.  Heartily obliged to all my poet friends for their literary contribution and dedication.  I wish this poem to be translated into  as many languages in the whole world as possible. Support from translators world wide will be held in great esteem by me.

ASAMESSE VERSION OF ARE YOU LISTENING? MAA

I am short of words to express my gratitude to Niti Sharma,my dear Friend and Bard of Nature from Assam, who acceded to my request to translate my favourite Poem KYA TUM SUN RAHI HO? MA, composed by me several years ago in Hindi and English. She surprised me by just sharing the poem. Her prompt response is really appreciable as I had requested her for translation of the poem, yester late night only. May God Bless her pen with more and more glory! Feeling elated to translate and post a heart touching poem by Rajni didi from Bikaner in to Assamese,my mother tongue তুমি শুনি আছানে? মা ------------------------------------ মা, তুমি আগেয়ে সুধিছিলা বাবলি, কিয় তুমি বাকৰুদ্ধ? কোৱা তুমি মুখ ফুটাই কিবা কিবি। তোমাৰ ভাৱনাক গতি দিবলৈ মনৰ দুৱাৰত খুন্দা মাৰি শব্দৰ দুৱাৰ ভাঙা। মা, মই এতিয়া শব্দৰে সম্পূৰ্ণ কিন্তু মা এতিয়াটো তুমি ইয়াত নাই মোৰ কথা শুনিবলৈ। লানিনিছিঙা ভাৱ বিলাকক হৃদয়ত তুমি মোৰ থৈ গৈছিলা, মই যেন শপতগ্ৰস্ত এতিয়া তাক আগুৱাই নিবলৈ। তোমাক মা মই দেখিছোঁ এই বিশ্ব ব্ৰহ্মাণ...

Maithilee Version of ARE YOU LISTENING? MA

क्या तुम सुन रही हो,माँ क्या तुम सुन रही हो,माँ कविता का मैथिली अनुवाद, डॉ.शिव प्र्साद द्वारा/ यह कविता मेरे हिंदी काव्य संग्रह होने से न होने तक से है/ डॉ.शिव प्र्साद द्वारा इस पुस्तक का मैथिली अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होगा/ "माय गै की तों सुनि रहल छें " माय तों हरदम कहैत रहए छलें बबली,एतेक चुप किएक छें किछु तऽ बाजल कर मनक केवाड़ कें खटखटा शब्दक आहैट सँ खोलल कर आब बजै छियौ, मुदा सुनऽ लेल तूहीं ने छें बिचारक जे जुलूस तों हमर हिया मे छोड़ि गेलैं हम शपथ खाए छी तोरा लग अहिना बढैत रहतै सौंसे संसार मे तोहर छवि देखैत सहज शब्दक भाव कें विमल धार सन अहिना बहऽ देबै हमर चुप्पी आब स्वरित भऽ गेलअछि गै माय की तों सुनि रहल छें? डॉ.शिव प्र्साद क्या तुम सुन रही हो,माँ ================== माँ,तुम अक्सर कहा करती थी बबली,इतनी खामोश क्यों हो कुछ तो बोला करो मन के दरवाज़े पर दस्तक दो शब्दों की आहट से खोला करो अब मुखर हुई हूँ, तुम ही नहीं सुनने के लिए विचारों का जो कारवां तुम मेरे ज़हन में छोड़ गयी वादा है तुमसे यूं ही बढ़ते रहने दूंगी सारी कायनात में तुम्हार...