WHO AM I? Original Poem in English by Jud Bowness English Transversion by Rajni Chhabra
Friends, I feel immensely happy to share with readers on global level, my Hindi Translation of English Poem, 'Who Am I?' composed by famous poet Jud Bowness from Boston, on his insistence. Hope, you all will enjoy original as well as trans-verted poem.
मित्रों, मुझे खुशी हो रही है, आप सब के साथ एक अनुदित रचना सांझा करते हुए / अंग्रेजी में इस कविता के मूल रचनाकार हैं, अमेरिका के प्रसिद्ध कवि जुड बोवनेस्/ उनके अनुरोध पर हिंदी में अनुवाद किया है/ आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी/
रजनी छाबड़ा
WHO AM I?
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I crashed here a long ago
कौन हूँ मैं ?
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मैं यहाँ
अनगिनत वर्षों पहले
आ कर धमाके से गिरी
इस से पहले कि
यह तुम जान पाते
कोई चाँद न था
गगन में
और सूर्य रक्तिम आभा लिप्त
लगातार तूफान का सिलसिला
धरती पर विशाल जीवों का विचरण
समझने लायक, कुछ विशेष नहीं था
एक दिन, अनायास
एक धूमकेतु आया
धरा से टकराया
पहले जैसा , कुछ न रह पाया
ग्रह की धुरी में बदलाव आया
विशालकाय प्राणी , गिरे धरती पर
चहुँ ओर मौत का साया
छोटे प्राणियों का क़द हुआ लम्बा
सूर्य के रंग में , पीलापन आया
वर्षा ने अपना जलवा दिखाया
मैं गवाह हूँ उस सारे समय की
बाग़ उग गए नए सिरे से
समुद्र में आया उफ़ान
परिदों ने ली उड़ान
मैं तो यहीं थी सारा समय
देखती रही पुनर्व्यवस्थित होने की प्रक्रिया
कौन हूँ मैं ?
क्या तुम नहीं जानते तुम?
मैं धरती माँ हूँ
अपनी संतान को विकसित होने का
अवसर देती हुई/
मूल अंग्रेज़ी कविता : जुड बोवनेस् (अमेरिका )
हिंदी अनुवाद ; रजनी छाबड़ा ( भारत)
I can't tell you how grateful I am for what you have done for me thank you so much for translating my poem into Hindi. It fills my heart with great joy to know people read I can never express how happy it makes me to know so many people are reading thank you thank you thank you
ReplyDeleteJud Bowness
Dear Poet, It is matter of immense joy that readers in India are enjoying poems from seven seas far away, due to your Poem sent to me in English. You deemed me worthy of translation, I feel honoured.
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